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ग़ज़ल (यूँ ही उदास है दिल बेक़रार थोड़ी है)

Jatinder Parwaaz
Jatinder Parwaaz
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यूँ ही उदास है दिल बेक़रार थोड़ी है
मुझे किसी का कोई इंतज़ार थोड़ी है
नज़र मिला के भी तुम से गिला करूँ कैसे
तुम्हारे दिल पे मेरा इख़्तियार थोड़ी है
मुझे भी नींद न आए उसे भी चैन न हो
हमारे बीच भला इतना प्यार थोड़ी है
खिज़ा ही ढूंढती रहती है दर-ब-दर मुझको
मेरी तलाश में पागल बहार थोड़ी है
न जाने कौन यहाँ साँप बन के डस जाए
यहाँ किसी का कोई एतबार थोड़ी है
… जतिंदर परवाज़ 9914405111

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